यूपी की शोले

यूपी की शोले

भई रामू की शोले तो पता नहीं कब बनेगी। हमारे पास आयी एक सूचना के अनुसार हाल ही में हुए यूपी के चुनावों को देखते हुए एक मशहूर फिल्म निर्माता ने यूपी की शोले बनाने का ऐलान किया है।
कलाकारों का चुनाव हो चुका है। कुछ एक संवाद भी लिखे जा चुके हैं। आज की परिस्थितियों के अनुसार कहानी में कुछ नये मोड़ दिये गये हैं।
इस बार ठाकुर होंगे फूलादम सिंह। जय का रोल बड़े भैया के पास ही रहेगा और वीरू होंगे कमर सिंह। (हा हा ठाकुर ने ……… की फौज बुलाई है।)
बसंती इस बार परदे पर नजर नहीं आयेगी। वीरू केवल फोन पर ही उससे इश्क करेंगे।

वैसे भी इन सब लटकों के लिये इस फिल्म में कोई गुंजाईश नहीं होगी। इस फ़िल्म में वीरू (कमर सिंह) को पानी की टंकी पर चढ़ने की सज़ा बसंती और उसकी मौसी की हामी नहीं बल्कि जेल की हवा मिलेगी।जगदीप उर्फ़ सूरमा भोपाली वाला रोल करेंगे सी(जे)डी के नेता गाजमाथ सिंह। उनका फेमस डॉयलाग होगा। “सीइइइइइइ डीइइइइइइ ? कैसी सीडी? हमने कॊई सीडी वीडी नहीं बनाई, जाने कहां कहां से आ जाते हैं झूठ बुलवाने।”

 

जेलर का रोल देंगे बायीं ओर के किसी नेता को और उनका फेमस डॉयलाग -“हमारी इजाजत के बिना यहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता।”

हरिराम नाई का रोल अपने मोहल्ले के एक मित्र कर सकते हैं। याद है? “जेलर का बहुत ही मुंहलगा है मुआ।”
गब्बर का रोल देंगे बहनजी को। सांभा होंगे निसरा जी।

सचिन वाले रोल के लिये राहकुल आंधी और ए के हंगल वाले रोल के लिये मन्नू भाई। “इतना सन्नाटा क्यों है भाई।”

कालिया और उसके दो साथियों का रोल कौन करेंगे यह अभी डिसाईड नहीं हुआ है मगर इस फिल्म में उन तीनों के नाम बदल कर तिलक, तराजू और तलवार कर दिये गये हैं तथा इस बार उन्हें गोली से नहीं जूतों से मारा जायेगा।

जाहिर है इस बार फिल्म में गब्बर जीत जायेंगे। वे खैनी की जगह पर हमेशा चीकू खाते नजर आयेंगे। जब एक जगह सांभा पूछेगा की सरदार आप हमेशा चीकू ही क्यों खाते रहते हैं तो गब्बर का जवाब होगा “क्योंकि चीकू बहुत मुलायम होता है।”

गब्बर का यह फेमस डॉयलाग तो आपको पता ही है “हर फेस में जब पचास पचास क्षेत्रों में चुनाव होता है तो सीएम कहता है मुझे वोट दे दो नहीं तो गब्बर आ जायेगा और मुझे जेल में डाल देगा।”
गब्बर घोड़े की जगह हाथी पर आयेगा और जब भी हाथी पर आयेगा पीछे से तेज संगीत के साथ दोहा बजेगा ” हाथी नहीं गणेश है …………….।”
गब्बर ‘समीक्षा बैठक’ करेगा। गांव में लूटपाट नहीं होगी ये काम सरपंचों के हवाले होगा जो ‘समीक्षा बैठक’ में हिस्सा गब्बर के हवाले कर दिया करेंगे।

उद्योग धंधों को बढ़ावा देने के लिये तबादलों को उद्योग का दर्जा दे दिया जायेगा।

गब्बर का एक और नया डॉयलाग “जिसकी जितनी भागीदारी उतनी उसकी हिस्सेदारी यानी लूट के माल में अपना अपना हिस्सा लो और फूटो…।”

यूपी की शोले

नोट : केवल हास्य व्यंग के लिए लिखा गया. किसी चरित्र से मिलान केवल संयोग मात्र हो सकता है.


Comments

6 responses to “यूपी की शोले”

  1. नीरज दीवान Avatar
    नीरज दीवान

    ”जिसकी जितनी भागीदारी उतनी उसकी हिस्सेदारी यानी लूट के माल में अपना अपना हिस्सा लो और फूटो…।”

    अभी तो शुरूआत है गुरू.. फूटने फुटाने की बात तो कमाजवादियों के लिए हैं. उद्योग धंधा फलने फूलने दो. ज़्यादा कटाक्ष करोगे दादा तो अप्रगतिशील और दलित विरोधी चिंतक करार दिए जाओगे. हा हा बढ़िया रोचक व्यंग्य प्रस्तुत किया है. बधाई.

  2. दोहा बजेगा ” हाथी नहीं गणेश है …………….।” वो भी नीले रंग का. पूरी गब्बर की टीम भी नीली यूनिफार्म में रहेगी.

    –हा हा, बहुत हँसवा दिये, जगदीश भाई. क्या कटाक्ष किया है धारदार. आपका सुझाया उद्योग तो आते ही विकास की राह पर चल पड़ा है. बड़ी कर्मठता है भाई!!

  3. अनूप शुक्ल Avatar
    अनूप शुक्ल

    पिक्चर बढ़िया है!

  4. alok puranik Avatar
    alok puranik

    सर
    धांसू कल्पना है।
    गब्बर सिंह ये नयी सिचुएशन देख ले, तो खुद ही आत्महत्या कर ले, अपने वीरु का काम हल्का हो जायेगा।
    मजा आया।
    आलोक पुराणिक

  5. Raghvenda Tripathi Avatar
    Raghvenda Tripathi

    Uttar Pradesh ki to MAYA hi nirali hai, Ab Maya ko kursi mili hai dekhte hai ki Maya kitni Mulayam Rahti Hai

  6. Shrish Avatar
    Shrish

    अरे जगदीश भाई मजा आ गया। ये पिक्चर कही पाइरेटिड वर्जन में उपलब्ध होगी क्या। जब पिक्चर ही सब अंडरग्राउंड काम पर है तो हम अबाउ ग्राउंड क्यों देखें। अंडरग्राउंड ही देखेंगे। :)

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