अनुगूँज 22: हिन्दुस्तान अमरीका बन जाए तो कैसा होगा

भई अब हम तो कभी अमेरिका गये नहीं और अमेरिका को जितना जाना समाचारों और टी वी के जरिये। हम तो इतना जानते हैं कि अपनी 10000/- रुप्पल्ली की तनख्वाह $10000/- हो जाती। वैसे जितना मैं इस बारे में सोचता हूं उतना ही रोमांचित होता जाता हूं।

हमारे समाचार चैनल तो अभी से भारत को अमेरिका बनाने पर तुले हैं। इन्हें देखने पर लगता है कि हमारी सारी युवा पीढ़ी या तो अश्लील एम एम एस (Dirty MMS) बना रही है या फिर इसी तरह के कोई घटिया काम कर रही है।

चैनलों का ध्यान सैलिब्रिटीस की जेल यात्रा पर ज्यादा है और बिहार और असम में आयी बाढ़ पर कम। हम बनायें या न बनायें हमारे चैनल वाले भारत को अमेरिका बनाने पर तुले हैं। इन्ही चैनलों से घ्यान आया सोचिये  हमारे राष्ट्रपति के चुनाव अगर अमेरिकी स्टाइल में टीवी चैनलों की बहस से लड़े जाते। भूत पिशाच और आत्माओं को दिखाने वाले चैनलों को इन विषयों पर बात करने के लिये सही प्रत्याशी मिल जाते। अब यह देखने वाली बात होती कि चैनल प्रत्याशियों की बातों का अनुमोदन कर रहे होते या प्रत्याशी चैनलों की बातों का। प्रत्याशी कहते कि फलाने दिवंगत नेता की आत्मा ने मुझे कहा कि मेरे दल के सारे एमपी और एमएलए आपको ही वोट देंगे। यकीन मानिये हमारे चैनल कोई  न कोई स्टिंग ऑप्रेशन करके इसका सबूत भी ले आते। अब उस दल के सदस्य बेचारे अपनी अंतरात्मा और दल के नेता की आत्मा की आवाजों के बीच बुरी तरह कन्फ्यूज हो जाते।

हमारे पड़ोसी हमारे पड़ोसी नहीं होते। शायद घूसपैठ की समस्या नहीं होती। हां हो सकता है कोई दूसरे तरीके की समस्यायें हो जातीं। आप बीस क्या दो सौ मोस्ट वांटेड की लिस्ट भी देते तो रातों रात बंदे आपकी सेवा में भिजवा दिये जाते। वैसे मैं तो यह सोच कर ही रोमांचित हो जाता हूं कि फिर अपने मन्नू भाई मूषकर जी को उठक बैठक भी करने को कहते तो वे करते। (मजाक में कही गयी इस बात को इस तरह पढ़ें कि फिर इन दोनों की बॉडी लेंग्वेज़ कुछ अलग ही होती)

और आखिर में एक बात इस आजादी के साठ साल पूरे होने के अवसर पर अपने दिल की गहराई से कह रहा हूं कि यदि भारत अमेरिका होता तो शायद इस दुनिया में ज्यादा शांति होती और इंसानों में ज्यादा बराबरी होती।


Comments

4 responses to “अनुगूँज 22: हिन्दुस्तान अमरीका बन जाए तो कैसा होगा”

  1. अनूप शुक्ल Avatar
    अनूप शुक्ल

    सही है!

  2. नीरज दीवान Avatar
    नीरज दीवान

    अनुगूंज का नया विषय समझने के लिए अमेरिका को समझना होगा. अब बिना अमेरिका को समझे अपन कैसे भारत में अमेरिका के तत्व घुसेड़ सकते हैं। ये एन आर आई वाला अनुगूंज लग रहा है।

  3. बहुत बढ़िया. एन आर आई वाला जबाब अभी हम पोस्ट कर देते हैं नीरज के लिये. :)

  4. अक्षरग्राम » अवलोकन - अनुगूँज २२ - हिंदुस्तान अमरीका बन जाए तो क्या होगा - पाँच बातें Avatar
    अक्षरग्राम » अवलोकन – अनुगूँज २२ – हिंदुस्तान अमरीका बन जाए तो क्या होगा – पाँच बातें

    […] लिखा वाली खीर -खिलाई, फिर आईना जी – यानी जगदीश भाटिया जी ने यह मज़ेदार समाचार बताया कि दस […]

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *