क्या कोई हमें हिंदी चिट्ठों का देसीपंडित देगा ?

मेरे दोस्त राजेश रोशन ने लिखा कि कैसे उनकी एक पोस्ट पर एक ही दिन में 221 हिट्स मिले। ऐसा ही एक बार मेरे एक पोस्ट पर हुआ जब मैंने गुरू फिल्म के अनदेखे सीन पोस्ट किये और उनका लिंक किसी ने ऑर्कुट पर किसी की स्क्रैपबुक पर लगा दिया।

देसी पंडित पर मेरी एक पोस्ट

यह बात पहले भी कई वरिष्ठ चिट्ठाकार लिख चुके हैं कि एग्रीगेटर केवल वह नोटिसबोर्ड होता है जो कि आपकी पोस्ट की सूचना लोगों तक दे देता है। वास्तव में केवल पहले और दूसरे दिन ही लोग एग्रीगेटर से उस पोस्ट तक आते हैं उसके बाद सर्च करने वाले ही आपके चिट्ठे की विभिन्न पोस्टों तक आते हैं और हमारी पोस्ट की आयू तो अनंत वर्षों की है।

आईना पर सर्च से आने वाले

यहां मैं अपनी एक पोस्ट दिस इज़ हिंडी न्यूजपेपर फ़्रॉम डेल्ही का उदाहरण देता हूं जिसे मैंने जून 2006 में पोस्ट किया था। आप देख सकते हैं कि पिछले तेरह महीने में इस पोस्ट पर तेरह सौ से ज्यादा हिट्स मिले हैं।

मेरी एक पोस्ट के आंकड़े

यदि आपकी पोस्ट में कुछ ऐसा लिखा है जो केवल आज ही नहीं आने वाले समय तक प्रासांगिक है तो पाठक आपके चिट्ठे पर आते रहेंगे। अब जब चिट्ठाकारों की संख्या जल्द ही हजार (अभी तक ७६१) को छूने वाली है और प्रतिदिन दो सौ से अधिक लेख पोस्ट होंगे तो एग्रीगेटर की भूमिका और भी नग्णय हो जायेगी।

आज जब हम इस बात पर खुश हो रहे हैं कि हमारी पोस्ट बटन दबाते ही एग्रीगेटर पर आ जायेगी तब इस बात को भूल रहे हैं कि जल्द ही इतने चिट्ठे हो जायेंगे कि हमारी पोस्ट एक घंटा भी एग्रीगेटर के पहले पेज पर नहीं रहेगी।

दिन भर एग्रिगेटरों की बहती गटरगंगाओं में कोइ अच्छी पोस्ट कब आयी और कब चली गयी पता भी नहीं चलेगा। आज हमें शायद नये एग्रीगेटरों की उतनी जरूरत नहीं है जितनी कि एक मैच्योर तरीके से की गयी चिट्ठाचर्चा की जरूरत है जिसमें दिन की केवल अच्छी पोस्टों का ही जिक्र हो। क्या कोई  हमें हमारा हिंदी चिट्ठों का अपना देसीपंडित देगा?


Comments

2 responses to “क्या कोई हमें हिंदी चिट्ठों का देसीपंडित देगा ?”

  1. masijeevi Avatar
    masijeevi

    जगदीशजी ये बात देबूदा ने भी कही ही है। दरअसल चिट्ठाचर्चा को रीमॉडेल कर ये काम किया जा सकता है। देसी पंडित भी एक टीम का काम है- इसलिए ये काम तो कई लोगों को मिलकर ही करना होगा। शायद गैर अंग्रेजी सभी भाषाओं को चिटृठों के लिए एक समन्वित प्रयास किया जा सकता है।

  2. मसिजिवी की बात विचारणीय है आपके द्वारा उठाये गये मुद्दों का समाधान प्राप्त करने के लिये. विचार को आगे बढ़ाया जाये. जरुर एक मंच तैयार हो सकता है. आभार इस विचारोत्तेजक आलेख के लिये.

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